“5 टेस्ट में पैसे डबल”, टेस्ट खिलाड़ियों को बीसीसीआई की सौगात

इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की श्रृखंला को 4-1 से जीतने के बाद भारतीय टीम जश्न मना ही रही थी कि बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने टीम के खिलाड़ियों की खुशी में चार चाँद लगा दिए। भारतीय टीम की ओर से टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए “टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना” की शुरुआत की गई है, जिससे उन्हें अब टेस्ट मैच खेलने के लिए पहले से कई गुना ज्यादा पैसे मिलेंगे।  दरअसल, जय शाह ने एक्स (पहले ट्विटर) पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारतीय सीनियर पुरुष टीम के खिलाड़ियों के आर्थिक विकास और स्थिरता को मजबूत करने के लिए हम टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना की शुरुआत कर रहे हैं। यह योजना साल 2022-23 के सत्र से प्रभावी हो जाएगी और इसके तहत खिलाड़ियों को टेस्ट मैचों के लिए पूर्वनिर्धारित मैच फीस (15 लाख) से अलग इनाम दिया जाएगा।”

3 श्रेणियों में बंटी है नई स्कीम-

एक देश साल भर में कुछ टेस्ट मैच खेलता है, जिसे उसका टेस्ट सीजन कहा जाता है, इसमें घरेलू और विदेशी जमीन पर खेले गए टेस्ट मैच शामिल होते हैं। नई स्कीम को 3 भागों में बांटा गया है, और इन श्रेणियों में खिलाड़ियों को एक निर्धारित संख्या में मैच खेलने पर अतिरिक्त पैसे मिलेंगे।

4 से कम मैच पर नहीं मिलेंगे अतिरिक्त पैसे-

मान लीजिए कि अगर भारतीय टीम का एक टेस्ट सीजन 9 मैचों का है, तो पहली श्रेणी के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी 50 प्रतिशत से कम यानी 4 से कम मैचों में टीम का हिस्सा है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

4 से अधिक मैच खेलने पर-

9 मैचों के टेस्ट सीजन में अगर कोई खिलाड़ी 5 या 6 मैचों में टीम का हिस्सा रहता है, तो ही उसे इसका लाभ मिलेगा। इस स्कीम में दो तरह के खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा। पहला, वो खिलाड़ी जो 5 या 6 मैचों में प्लेइंग 11 का हिस्सा रहेंगे, उन्हें हर मैच के लिए अलग से 30 लाख रुपये दिए जाएंगे। दूसरा, वो खिलाड़ी जो टीम में तो हैं, लेकिन प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं हैं, ऐसे में उन्हें हर मैच के लिए अलग से 15 लाख रुपये मिलेंगे।

7 या अधिक मैच खेलने पर-

अगर कोई खिलाड़ी सीजन के 9 में से 75 प्रतिशत या उससे अधिक मैचों में टीम का सदस्य है, तो उसे सबसे ज्यादा लाभ होगा। 7 से अधिक मैचों में प्लेइंग 11 का हिस्सा रहने वाले खिलाड़ियों को हर मैच के लिए अलग से 45 लाख रुपये दिए जाएंगे। वहीं दूसरी ओर, इतने ही मैचों में जो खिलाड़ी अंतिम एकादश में अपनी जगह नहीं बना पाए, उन्हें भी हर मैच के अलग से 22.5 लाख रुपये मिलेंगे।

पहले बनाम अब-

उदाहरण के तौर पर, इस स्कीम से पहले अगर कोई खिलाड़ी एक सीजन में 9 टेस्ट मैच खेलता था, तो उसे 15 लाख रुपये मैच फीस के हिसाब से 1.35 करोड़ रुपये मिलते थे। इस योजना के बाद अगर कोई खिलाड़ी एक सीजन के 9 मैच खेलता है, तो उसे मैच फीस के 1.35 करोड़ रुपये तो मिलेंगे ही, साथ ही 4.05 करोड़ रुपये अलग से मिलेंगे। कुल मिलाकर अब उसे 5.40 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पिछली कमाई से 4 गुना ज्यादा हैं।

बीसीसीआई इस स्कीम के जरिए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भारतीय टीम के खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को अधिक से अधिक महत्व दें। हाल ही में बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए सीनियर टीम के खिलाड़ियों को निर्देश दिए थे कि जब वो मुख्य टीम का हिस्सा न हों, तो वे घरेलू टूर्नामेंट्स को प्राथमिकता दें। बीसीसीआई ने श्रेयस अय्यर और इशान किशन को हाल मे जारी वार्षिक कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर भी कर दिया था, क्योंकि बोर्ड के मुताबिक दोनों खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट को महत्व नहीं दिया था।

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Kishan Singh

खोज में हूं कि मैं कितना कम जानता हूं ।